नासिक त्र्यंबकेश्वर कालसर्प पूजा

by Pandit Pankaj Guruji

नासिक त्र्यंबकेश्वर कालसर्प पूजा

नासिक त्र्यंबकेश्वर कालसर्प पूजा

नासिक त्र्यंबकेश्वर कालसर्प पूजा

नासिक त्र्यंबकेश्वर कालसर्प पूजा – संपूर्ण मार्गदर्शन

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष को एक गंभीर योग माना गया है। जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तब यह योग बनता है। यह दोष जीवन में कई तरह की बाधाएँ, आर्थिक कठिनाइयाँ, विवाह में विलंब, संतान सुख में रुकावट और मानसिक तनाव पैदा कर सकता है। ऐसे में कालसर्प दोष की शांति के लिए विशेष पूजा विधि की आवश्यकता होती है।

नासिक त्र्यंबकेश्वर मंदिर (Trimbakeshwar Temple) कालसर्प दोष पूजा के लिए भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध है। यहाँ पर किए गए अनुष्ठान अत्यंत फलदायी माने जाते हैं। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि नासिक त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प पूजा क्यों और कैसे की जाती है, इसका महत्व क्या है और इससे जीवन में क्या परिवर्तन आते हैं।


त्र्यंबकेश्वर मंदिर का महत्व

त्र्यंबकेश्वर मंदिर नासिक में स्थित है और यह बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। भगवान शिव के इस पवित्र धाम में की गई पूजा विशेष फल देती है। यहाँ की गई कालसर्प दोष पूजा विशेष रूप से प्रभावी मानी जाती है क्योंकि यह स्थल गोदावरी नदी के उद्गम स्थल के पास है।


कालसर्प दोष क्या है?

कालसर्प दोष तब उत्पन्न होता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। ज्योतिष में राहु और केतु छाया ग्रह कहलाते हैं और जब वे सभी ग्रहों को अपने बीच में बांध लेते हैं, तो जातक को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कठिनाइयाँ झेलनी पड़ती हैं।

प्रमुख लक्षण:

  • विवाह में देरी

  • संतान सुख की कमी

  • करियर और व्यवसाय में रुकावट

  • मानसिक तनाव और चिंता

  • आर्थिक संकट


त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा क्यों करें?

  1. यहाँ भगवान शिव स्वयं ज्योतिर्लिंग स्वरूप में विराजमान हैं।

  2. यह स्थल पवित्र नदी गोदावरी के उद्गम स्थान पर स्थित है।

  3. शास्त्रों के अनुसार, यहाँ की गई पूजा सीधा फल देती है।

  4. अनुभवी और पारंपरिक पंडितगण यहाँ पूजा करवाते हैं।


कालसर्प पूजा की विधि (Vidhi)

त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा प्रामाणिक विधि से की जाती है। पूजा लगभग 2 से 3 घंटे तक चलती है।

प्रमुख चरण:

  1. संकल्प – पंडित द्वारा पूजा का संकल्प कराया जाता है।

  2. गणेश पूजन – विघ्न विनाश के लिए गणपति पूजन किया जाता है।

  3. नवग्रह पूजन – सभी ग्रहों की शांति हेतु विशेष मंत्रोच्चार होते हैं।

  4. राहु-केतु शांति – विशेष मंत्र और आहुति द्वारा राहु-केतु दोष का निवारण किया जाता है।

  5. कालसर्प पूजा – नाग-नागिन के प्रतीकों और मंत्रों द्वारा मुख्य अनुष्ठान।

  6. पूजा का समापन – आशीर्वाद और प्रसाद वितरण।


कालसर्प दोष पूजा का शुभ मुहूर्त

त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा हर रोज की जाती है। हालांकि, विशेष फलदायी दिन होते हैं:

  • नाग पंचमी

  • श्रावण मास

  • अमावस्या और पूर्णिमा

  • चंद्र-ग्रहण और सूर्य-ग्रहण के दिन

  • सोमवार (विशेषकर श्रावण सोमवार)


पूजा के लिए आवश्यक सामग्री (Samagri)

  • नाग-नागिन की चाँदी की मूर्ति

  • दूध, दही, शहद, घी, शक्कर

  • बेलपत्र, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप

  • काले तिल, कुशा, वस्त्र

  • पंचामृत


पूजा का समय और अवधि

  • सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक

  • शाम 3 बजे से 6 बजे तक
    पूजा लगभग 2-3 घंटे में पूरी होती है।


पूजा से प्राप्त होने वाले लाभ

  1. विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।

  2. संतान सुख की प्राप्ति होती है।

  3. करियर और व्यवसाय में सफलता मिलती है।

  4. आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

  5. मानसिक शांति और सकारात्मकता प्राप्त होती है।


पूजा के बाद क्या करें और क्या न करें?

करें:

  • पवित्र मन से पूजा करें।

  • पूजा के बाद दान और भोजन वितरण करें।

  • शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें।

न करें:

  • पूजा वाले दिन मांसाहार और मदिरा का सेवन।

  • पूजा को अधूरा छोड़ना।

  • नकारात्मक सोच रखना।


कितने प्रकार का कालसर्प दोष होता है?

ज्योतिष में 12 प्रकार के कालसर्प दोष बताए गए हैं, जैसे – अनंत, कुलिक, वासुकी, शंखपाल, पद्म, महापद्म, तक्षक, कर्कोटक, शंखचूड, घातक, विषधर और शेष नाग। प्रत्येक का प्रभाव अलग होता है और पूजा विधि भी थोड़ी भिन्न होती है।


त्र्यंबकेश्वर में पूजा के लिए कैसे बुकिंग करें?

आजकल ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है। श्रद्धालु पंडितजी से संपर्क करके पूजा की तिथि तय कर सकते हैं।


सामान्य प्रश्न (FAQs)

1. त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा कितने दिन की होती है?

पूजा सामान्यतः एक दिन में पूरी हो जाती है।

2. क्या पूजा के लिए उपवास करना जरूरी है?

जरूरी नहीं, लेकिन पवित्र और सात्विक भोजन करना श्रेष्ठ होता है।

3. क्या कालसर्प दोष पूजा हर साल करनी पड़ती है?

यदि पूजा सही विधि से हो गई है तो बार-बार करने की आवश्यकता नहीं है।

4. पूजा की फीस कितनी होती है?

फीस पंडित और विधि पर निर्भर करती है, सामान्यतः ₹2100 से ₹5100 तक।

5. क्या इस पूजा से तुरंत परिणाम मिलते हैं?

कुछ परिणाम तुरंत अनुभव होते हैं जबकि कुछ धीरे-धीरे जीवन में प्रकट होते हैं।


निष्कर्ष

नासिक त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प दोष पूजा जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। यहाँ की गई पूजा से व्यक्ति को मानसिक शांति, आर्थिक उन्नति, और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है। यदि आपकी जन्मकुंडली में कालसर्प दोष है, तो त्र्यंबकेश्वर ही आपके लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान है।

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